खाना हमारे लिए बहुत ज्यादा जरुरी है। इससे ही हमारे शरीर का विकास होता है। ऐसे में अगर वृद्धावस्था चल रही है तो उस समय ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। जब शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं तो हमारा मष्तिष्क भी उसी हिसाब से काम करने लगता है। वहीं खाए जाने वाले चीजों की जरूरत भी इस उम्र में बदल जाती है। वृद्धावस्था एक ऐसी अवस्था होता है जहां खानपान का ध्यान रखना बहुत जरुरी हो जाता है। हर कोई चाहता है कि बढ़ती उम्र के साथ में उसका शरीर सबसे ज्यादा स्वथ्य रहे। इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है पोषक तत्वों का सेवन सही ढंग से हो। अक्सर यह देखा गया है कि वृद्धावस्था में हड्डियों एवं मांसपेशियों का कमजोर होना, पाचन क्षमता घटना आम बात हो जाती है।

कुछ लोगों को इस अवस्था में भूख भी कम लगने लगती है और स्वाद से जुड़ी हुई प्रॉब्लम होने लगती है। ऐसे में यह तय करना जरुरी हो जाता है कि बुजुर्ग व्यक्ति को कैसे पर्याप्त पोषक दिया जा सकता है। जहां पहले खाने – पीने की चीजों को लेकर असमंजस रहता था कि कौन सी चीजों का सेवन करें और किन चीजों का न करें लेकिन अब यह सभी काम एक डाइटीशियन संभाल रहा है। वहीं वृद्धों की जो देखभाल करते हैं उन्हें जीरियाट्रिक डाइटीशियन बोलते हैं। आज के समय में स्टूडेंट जीरियाट्रिक डाइटीशियन बनकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाना भी बहुत आसान है।
वृद्धावस्था में खानपान को देखकर ही यह पता लगाया जाता है कि वृद्ध लोग स्वस्थ्य है या नहीं। एक जीरियाट्रिक डाइटीशियन यह सुनिश्चित करता है कि वृद्ध को क्या खाना चाहिए क्या नहीं और उनके शरीर को कैसे मेंटेन रखा जाता है। अगर आप भी जीरियाट्रिक डाइटीशियन के क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहें हैं तो आज का यह ब्लॉग आपके लिए बेस्ट है।
जीरियाट्रिक डाइटीशियन में करियर बनाने के लिए विभिन्न कैरियर विकल्प हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:
जीरियाट्रिक डाइटीशियन सलाहकार : हमारे बीच में बहुत से लोग होते हैं जो स्वस्थ्य संबंधी सलाह देते हैं। यह सलाह कई बार हमारे लिए फायदेमंद साबित होती है लेकिन जरा सोचिए अगर इस सलाह को देने के आपको पैसे मिलने लगे तो कैसा होगा।
हां ! आप एक जीरियाट्रिक डाइटीशियन सलाहकार बनकर लोगों को आहार से जुड़ी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए किसी अच्छी तरह से वृद्धों के लिए पोषण की जानकारी रखना है।
जीरियाट्रिक भोजन वितरक
वृद्धा अवस्था में बुजुर्ग लोग खुद से न ही खाना बना पाते हैं और न ही खुद की देखभाल कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें एक जीरियाट्रिक भोजन वितरक की जरुरत पड़ती है। जीरियाट्रिक भोजन वितरक का काम बुजुर्ग लोगों की देखभाल करना और उन्हें पौष्टिक भोजन प्रदान करना है।
जीरियाट्रिक पोषण कार्यकर्ता: बहुत से संगठन है जो वृद्धा लोगों के लिए काम करते हैं। ऐसे में आप इस संगठन से जुडकर भी काम कर सकते हैं।
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उम्र बढ़ने में पोषण की भूमिका
उम्र बढ़ने के साथ स्वस्थ भोजन करने के लाभ
हमारा उम्र बढ़ने के साथ में पेट के अंदर की हड्डियां कमजोर होने लगती है। इसकी वजह से स्वस्थ्य शरीर का पाना जरुरी है। आहार अगर सही है तो किसी भी तरह की बीमारी नहीं होगी। ऐसे में हमारा वजन भी तेजी से बढ़ता रहता है। वृद्धा अवस्था में मांसपेशियों का मजबूत रहना जरुरी है। दुबले पतले लोगों को ऐसे उम्र में अंडा और प्रोटीन से जुड़ा चीज़ खाना चाहिए। इसके साथ ही कैल्शियम और विटामिन डी से भी जुड़ी चीजें खानी चाहिए।
वहीं अगर उचित पोषण की हम बात करें तो शरीर को स्वस्थ्य रखने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। पोषक तत्व को पाने के लिए प्रचुर मात्रा में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और दुबले प्रोटीन वाला संतुलित आहार खाना चाहिए। यह आपको शुगर,कैंसर,आदि चीजों से बचाव के लिए भी मदद कर सकते हैं।
जीरियाट्रिक न्यूट्रीशियन में कैरियर का दायरा
जीरियाट्रिक न्यूट्रीशियन आज के समय में तेजी से ग्रोथ करता हुआ कोर्स है। इस कोर्स को करके स्टूडेंट अपना करियर बेहतर बना सकते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि एक प्रोफेशनल कोर्स करें तो जीरियाट्रिक न्यूट्रीशियन का कोर्स अच्छा है। इस कोर्स को आप ऑनलाइन तरीके से कर सकते हैं।
यह कोर्स मेरीबिंदिया इंटरनेशनल एकेडमी में सबसे अच्छे से तरीके से करवाया जाता है। भारत के साथ – साथ विदेशों से भी स्टूडेंट आकर इस कोर्स को करते हैं। इस कोर्स को मेरीबिंदिया इंटरनेशनल एकेडमी से करने के बाद जॉब भी अच्छे से लग जाएगी। मेरीबिंदिया इंटरनेशनल एकेडमी में जीरियाट्रिक न्यूट्रीशियन का डिप्लोमा कोर्स करवाया जाता है। इस कोर्स को स्टूडेंट के करियर को देखकर ही तैयार किया गया है।
मेरीबिंदिया इंटरनेशनल एकेडमी के कोर्स में क्या पढ़ाया जाता है ?
मेरीबिंदिया में जीरियाट्रिक न्यूट्रीशियन के कोर्स को बहुत ही बेहतरीन तरीके से तैयार किया गया है। इसमें पोषण, पोषण मूल्यांकन, शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान और आहार विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों के बारे में पढ़ाया जाता है। कोर्स के खत्म होने के बाद स्टूडेंट को सर्टिफिकेट भी प्रोवाइड करवाया जाता है। इस मार्कशीट को पाने के बाद में स्टूडेंट आसानी से अपना करियर बना सकते हैं। इसमें शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान, पोषण विज्ञान, खाद्य विज्ञान, खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता, खाद्य सेवा प्रबंधन और नैदानिक आहार विज्ञान शामिल हैं। छात्र पोषण और आहार परामर्श, शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण के बारे में भी सीखेंगे।
निष्कर्ष : आज के इस ब्लॉग में हमने जाना कि जीरियाट्रिक न्यूट्रीशियन कैसा होता है और यह कोर्स कहां से कर सकते हैं। आशा करता हूं कि आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। इसलिए इस ब्लॉग को शेयर जरूर करें। आज के समय में जीरियाट्रिक न्यूट्रीशियन सबसे अच्छा कोर्स माना जाता है। इसलिए कम समय में इस कोर्स को करके अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।
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